Apple के Ex CEO Steve Jobs की Motivational Kahani In Hindi

जीवन में सफल होने के लिए Motivation का होना बहुत जरूरी होता है। Motivation से हमारे अंदर लक्ष्य को पाने की इच्छा और भी बढ़ जाती है। इसलिए आप को Motivate करने के लिए हम आप के लिए एप्पल कंपनी के भूतपूर्व CEO और मशहूर उद्दोगपति स्टीव जॉब्स की Motivational Kahani In Hindi लेकर आये हैं।

इसे पढ़ कर आप में अपने लक्ष्य को पाने की इच्छा बढ़ेगी और आप अपने काम के प्रति Serious हो जाएंगे। ये Motivational Kahani In Hindi आप के बहुत काम आएगी। क्योंकि स्टीव जॉब्स ने अपनी ज़िंदगी में बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं।

स्टीव जॉब्स को Apple का Co-Founder बनने से लेकर कंपनी से निकाले जाने तक, अपने जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। लेकिन स्टीव जॉब्स ने कभी भी हार नहीं मानी और हमेशा वो मेहनत से काम करते रहे। तो चलिए जानते हैं शुरू से।

Nameस्टीव पॉल जॉब्स
Birthday24 फरवरी 1955,सेंट फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया
Father Nameअब्दुलफत्तः जन्दाली, पॉल जॉब्स (जिन्होंने गोद लिया था)
Mother Nameजोअन्नी सिम्पसन, क्लारा (जिन्होंने गोद लिया था)
Wife Nameलोरिन पॉवेल (1991-2011), किर्स्टन ब्रेन्नन
Childrens Nameलिसा ब्रेन्नन,एरिन जॉब्स, ईव जॉब्स, रीड जॉब्स
Death5 अक्टूबर 2011 (कैलीफोर्निया)

Steve Jobs Ki Motivational Kahani In Hindi

आरंभिक ज़िंदगी

Steve Jobs के असली पिता का नाम अब्दुल फत्ताह जंदाली और माता का नाम जोआन कैरोल शिबल था। पर वह Steve Jobs को पाल नहीं सकते थे क्योंकि उस समय वो बहुत छोटे थे। इसलिए जब Steve Jobs दो साल के हुए तो Paul और Clara Jobs द्वारा गोद लिया गया।

छोटी उम्र में ही स्टीव जॉब्स को कंप्यूटर की दुनिया से लगाव हो गया था। यहीं से इस Motivational Kahani In Hindi की शुरुआत होती है। Steve Jobs को बचपन में स्कूल जाने में बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता था।

उन्हें स्कूल में बस एक ही विषय पसंद था जो ‘Calligraphy’ था। बाद में उन्होंने इसका उपयोग एप्पल कंप्यूटर में किया। इसके बारे में उन्होंने कहा कि ‘अगर मैं कॉलेज के बाद उस एक Calligraphy पाठ्यक्रम पर Drop नहीं हुआ होता तो Mac के पास कभी भी कई Multiple या आनुपातिक स्थान वाले फोंट नहीं होते ।

स्टीव की पहली नोकरी एक Video Manufacturing कंपनी ‘Atari’ में थी। उन्हों ने अपनी तनख्वाह में से पैसे बचाये और अपने दोस्त के साथ भारत में आध्यात्मिक ज्ञान के लिए आये।

वो भारत में 7 महीने रहे और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसी जगहों पर बसों में सफर किया। यहां पर स्टीव ने नॉन-वेज छोड़ दिया और सिर्फ फ्रूट खाने लगे और Traditional भारतीय धोती कुर्ता पहनने लगे।

उनके करियर में सबसे बड़ा बदलाव तब हुआ जब स्टीव ने Steve Wozniak के साथ हाथ मिलाया और दुनिया की सबसे बड़ी IT कंपनी Apple की शुरुआत की। शुरुआत में अपने Clients से भी निक्कर में मिलते थे क्योंकि बढ़िया कपड़ों के लिए इनके पास इतने पैसे नहीं थे।

From Blue boxes to Apple 

Steve Jobs ने Steve Wozniak के साथ हाथ मिलाया जो उसे Summer Internship के समय मिल था Blue Box की शुरुआत के लिए जो कि एक Digital Box था जो Long-distance कॉल्स को मुफ्त करता था।

Blue Box की सफलता के कारण ही Apple I का अविष्कार हुआ। $1350 जमा करने के लिए स्टीव ने अपनी Volkswagen Microbus और Wozniak ने अपना कलकुलेटर बेच दिया। इससे उन्होंने एप्पल की शुरुआत की।

काफी समय बाद उन्हें Apple II के लिए अच्छी Investment मिल पाई। Apple II एक सफल फोन रहा है, इसी की वजह से इस कंपनी को एक बड़ा मुकाम मिल पाया और हमे ये Motivational Kahani In Hindi लिखने का मौका मिला। पहले साल Apple II की $3 मिलियन की सेल हुई।

पर 2 साल बाद उन्होंने लगभग $200 मिलियन की सेल की। 1977 में Apple को आधिकारिक रूप से शामिल किया गया और समय के साथ इस कंपनी ने तेज़ी से ग्रो किया।

Steve Jobs को एप्पल से निकाला गया

साल 1980 एप्पल की चमक कम होने लगी थी। कंपनी ने आधे शेयर IBM से खो दिये। स्टीव ने 1984 में Apple Macintosh को Introduce किया जो कि सफल हो सकती थी पर नहीं हो पाई क्योंकि इसकी मार्केटिंग अच्छी नहीं हो पाई।

स्टीव ने Mac को Home Computer के रूप में Introduce करने की योजना बनाई पर कन्ज़्यूमर मार्किट के लिये $2495 एक महंगा सौदा था। बाद में Mac को Business Computer के रूप में लांच किया गया।

पर इसमें मेमोरी कम थी, हार्ड ड्राइव और Networking Capabilities नहीं थी जो लोगों को पसंद नहीं आई। स्टीव जॉब्स अब परेशानी में थे। कंपनी के नुकसान के चलते स्टीव जॉब्स का एप्पल बोर्ड डायरेक्टर्स के साथ विवाद हुआ।

स्टीव पर प्रेशर बढ़ने लगा और आखिरकार 17 सितंबर, 1985 के दिन स्टीव जॉब्स और उनके 5 करीबी सहकर्मियों ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि बाद में CEO के रूप में स्टीव जॉब्स की एप्पल में दुबारा वापसी हुई थी।

Pixar Animation Studios का गठन

एप्पल से Resign करने के बाद स्टीव के पास जो पैसे बचे थे उससे उन्होंने Next Computers की शुरुआत की। इसमें विशेष रूप से तेज प्रसंस्करण गति, असाधारण ग्राफिक्स और एक ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव शामिल है।

लेकिन इसकी कीमत जो कि $9950 थी, बहुत ज़्यादा थी जो कंपनी को बचाये नहीं रख सकती थी। ये वो समय था, जब Steve Jobs ने Pixar Animation Studio की तरफ ज़्यादा ध्यान देना शुरू किया था जिसे स्टीव ने Goerge Lucas से 1986 में खरीदा था।

स्टीव जॉब्स ने Disney के साथ Three-Picture डील की जो कि बहुत सफल हुई। बाद में स्टीव ने Pixar को सार्वजनिक कर दिया और वो Pixar को Stock Market में लेकर आये।

Loss में चल रही एप्पल को दुबारा Steve Jobs को बुलाना पड़ा जिस से एप्पल ने दोबारा सफलता प्राप्त की। स्टीव जॉब्स ने काफी परेशानियों का सामना किया।

Steve Jobs का निधन

इस उतार चढ़ाव भरी जिंदगी में स्टीव जॉब्स को कई सिहत सम्बंधित मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। साल 2004 के बीच उन्होंने अपने कर्मचारियों को ईमेल लिखते हुए घोषणा की कि वो पेनक्रियाटिक कैंसर से गुज़र रहे हैं।

जनवरी 2011 में लिवर ट्रांसप्लांट के चलते उन्होंने एप्पल से मेडिकल लीव ली और कहा कि वो CEO के पद पर बने रहेंगे। हालांकि 8 महीने बाद उन्होंने CEO के पद से इस्तीफा दे दिया पर Chairman के रूप में एप्पल के साथ बने रहे।

2011 की अक्टूबर में 56 साल की उम्र में उनका निधन हो गया और उनके आखरी शब्द ‘Oh Wow’ थे और Motivational Kahani In Hindi का अंत हुआ। न जाने उन्होंने ऐसा क्या देखा या फिर महसूस किया कि उनके मुँह से ‘Oh Wow‘ निकला। ये अभी भी एक रहस्य है।

निष्कर्ष

एक समय ऐसा था जब स्टीव के पास भोजन करने के भी पैसे नहीं थे और एक समय ऐसा भी आया जब एप्पल दुनिया की Top कंपनियों में से एक बन गयी। आज हर व्यक्ति सिर्फ लोगो देख कर ही पहचान जाता है कि ये एप्पल का लोगो है।

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जो भी व्यक्ति एप्पल का स्मार्टफोन खरीदता है तो वापिस एंड्राइड नहीं खरीदता। अगर आप को Steve Jobs की ये Motivational Kahani In Hindi में कोई भी गलती दिखी तो हमें कमेंट करके बताएं, हम इस पोस्ट को अपडेट करते रहेंगे।

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